पहली बख्शीश

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भिक्छाम देहि – भिक्छाम देहि बड़बड़ाता हुआ रतन पिछली गली से होता हुआ धोबी – घाट आ पहुंचा था। रामलीला में सीता हरण का सीन हटा चल रहा था, रावण बना अरुण अपनी भरी आवाज में बिना रुके डायलॉग बोले जा रहा था और सीता को लक्छ्मण – रेखा पार करके बाहर आकर भिक्छा देने के लगातार उकसाए जा रहा था।

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